भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

ओळ्यूं-13 / पूर्ण शर्मा पूरण

Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 05:26, 6 सितम्बर 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पूर्ण शर्मा पूरण |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}} {{KKCatMoolRajasthani‎}}<poem>ढ…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

ढळती किरत्यां
कोई तेजौ गावै
'टिहू-टिहू` टिटूड़ी
किंण ई नै बुलावै
पूरब मांय भाग पाटती
झिझकै
आभै रै पटपड़ै
पसेवौ चूअ आवै
इस्यै मांय लागै
स्यात... थूं आवै।