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ओ प्यारा प्रभूअ खे भुलाए न छॾिजाईं / लीला मामताणी

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ओ प्यारा प्रभूअ खे भुलाए न छॾिजाईं
मानुष जनम खे रुलाए न छॾिजाईं

मानुष जनम थइ हीरो मोती
जंहिं में जानिब अथई का जूती
चौरासी जॾहिं चकर लॻाईं
मोटी तूं जूण मानुष जी पाईं
माणिक मिट्टीअ में मिलाए न छॾिजाईं

भॼन करण जी वेल इहा अथई
मोहन मिलण जी महल इहा अथई
हइड़ो वक़्त जे हलियो वेंदइ
ज़ारो ज़ार पोइ रोइणो पवंदुइ
गस मस करे तूं गुसाए न छॾिजाईं

जेका जहिड़ी पोख पोखींदें
तहिड़ो दान जो फलु माणींदें
लाल हथनि मां लुटाए न छॾजाईं