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"और है क्या यहाँ आँसुओं के सिवा / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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जिंदगी ने दिया क्या ग़मों के सिवा।
 
जिंदगी ने दिया क्या ग़मों के सिवा।
  
ख़्वाब तो एक से एक देखे मगर,
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ख़्वाब तो एक से एक देखे मगर
 
मेरी आंखों में क्याे गर्दिशों के सिवा।
 
मेरी आंखों में क्याे गर्दिशों के सिवा।
  
जो मिला वो मिला नाम भर के लिए,
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जो मिला वो मिला नाम भर के लिए
 
कौन है मेरी  तन्हाइयों के सिवा।
 
कौन है मेरी  तन्हाइयों के सिवा।
  
बोझ उठता नहीं, पाँव बढ़ते नहीं,
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बोझ उठता नहीं, पाँव बढ़ते नहीं
 
जिंदगी में है क्याी मुश्किलों के सिवा।
 
जिंदगी में है क्याी मुश्किलों के सिवा।
  
कोई मकसद नहीं, कोई मंजिल नहीं,
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शेष भी क्या है मजबूरियों के सिवा।
 
शेष भी क्या है मजबूरियों के सिवा।
  
तुम हो उस पार तो,मैं भी इस पार हूँ,
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तुम हो उस पार तो,मैं भी इस पार हूँ
 
बीच में अब है क्या दूरियों के सिवा।
 
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16:27, 23 अगस्त 2017 के समय का अवतरण

और है क्या यहाँ आँसुओं के सिवा
जिंदगी ने दिया क्या ग़मों के सिवा।

ख़्वाब तो एक से एक देखे मगर
मेरी आंखों में क्याे गर्दिशों के सिवा।

जो मिला वो मिला नाम भर के लिए
कौन है मेरी तन्हाइयों के सिवा।

बोझ उठता नहीं, पाँव बढ़ते नहीं
जिंदगी में है क्याी मुश्किलों के सिवा।

कोई मकसद नहीं, कोई मंजिल नहीं
शेष भी क्या है मजबूरियों के सिवा।

तुम हो उस पार तो,मैं भी इस पार हूँ
बीच में अब है क्या दूरियों के सिवा।