भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कभी दिल का तड़पना देखा नहीं? / शिवशंकर मिश्र
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:06, 22 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शिवशंकर मिश्र |अनुवादक= |संग्रह= }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
कभी दिल का तड़पना देखा नहीं?
कलेजे का तलफना देखा नहीं?
उदासियों में गढ़े बनते कैसे----
कभी जी का डूबना देखा नहीं?