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"कभी हमसे खुलो जाने के पहले / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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नज़र भर देख लें जाने के पहले
 
नज़र भर देख लें जाने के पहले
  
जो घायल खुद हो औरों को रुलाये
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जो घायल ख़ुद हो औरों को रुलाये
 
शमा जलती है परवाने के पहले
 
शमा जलती है परवाने के पहले
  

01:43, 7 जुलाई 2011 के समय का अवतरण


कभी हमसे खुलो जाने के पहले
मिलें आँखें तो शरमाने के पहले

ज़रा आँसू तो थम जायें कि उनको
नज़र भर देख लें जाने के पहले

जो घायल ख़ुद हो औरों को रुलाये
शमा जलती है परवाने के पहले

मिला प्याले में जितना कुछ बहुत है
इसे पी लो भी छलकाने के पहले

ग़ज़ल यों तो बहुत सादी थी मेरी
कोई क्यों रो दिया गाने के पहले!

गुलाब! ऐसे भी क्या चुप हो गए तुम!
खिलो कुछ रात घिर आने के पहले