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"किसने पिघले हुए अनल को पीने का हठ ठाना! / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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किसने कपिला कामधेनु पर क्रूर-कुटिल शर ताना! | किसने कपिला कामधेनु पर क्रूर-कुटिल शर ताना! | ||
शांत तपोवन के हरिणों को चाहा चट कर जाना! | शांत तपोवन के हरिणों को चाहा चट कर जाना! | ||
− | यह भूखा भेड़िया कहाँ से आ | + | यह भूखा भेड़िया कहाँ से आ पहुँचा दीवाना! |
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उनकी ही वाणी में है उनको समझाना पड़ता | उनकी ही वाणी में है उनको समझाना पड़ता | ||
− | शास्त्रों की मर्यादा के हित | + | शास्त्रों की मर्यादा के हित शस्त्र उठाना पड़ता |
मोती उगते वहीं जहाँ मोती का दाना पड़ता | मोती उगते वहीं जहाँ मोती का दाना पड़ता | ||
आँधी बोनेवाले को तूफान चबाना पड़ता | आँधी बोनेवाले को तूफान चबाना पड़ता | ||
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01:03, 20 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
किसने पिघले हुए अनल को पीने का हठ ठाना!
किसने कपिला कामधेनु पर क्रूर-कुटिल शर ताना!
शांत तपोवन के हरिणों को चाहा चट कर जाना!
यह भूखा भेड़िया कहाँ से आ पहुँचा दीवाना!
. . .
उनकी ही वाणी में है उनको समझाना पड़ता
शास्त्रों की मर्यादा के हित शस्त्र उठाना पड़ता
मोती उगते वहीं जहाँ मोती का दाना पड़ता
आँधी बोनेवाले को तूफान चबाना पड़ता