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किसने कपिला कामधेनु पर क्रूर-कुटिल शर ताना!
शांत तपोवन के हरिणों को चाहा चट कर जाना!
यह भूखा भेड़िया कहाँ से आ पहुंचा पहुँचा दीवाना!
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उनकी ही वाणी में है उनको समझाना पड़ता
शास्त्रों की मर्यादा के हित शास्त्र शस्त्र उठाना पड़ता
मोती उगते वहीं जहाँ मोती का दाना पड़ता
आँधी बोनेवाले को तूफान चबाना पड़ता
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