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"किसी का क़द बढ़ा देना किसी के क़द को कम कहना / मुनव्वर राना" के अवतरणों में अंतर
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10:43, 14 जनवरी 2009 के समय का अवतरण
किसी का क़द बढ़ा देना किसी के क़द को कम कहना
हमें आता नहीं ना-मोहतरम को मोहतरम कहना
चलो मिलते हैं मिल-जुल कर वतन पर जान देते हैं
बहुत आसान है कमरे में बन्देमातरम कहना
बहुत मुमकिन है हाले-दिल वो मुझसे पूछ ही बैठे
मैं मुँह से कुछ नहीं बोलूँगा तू ही चश्मे-नम कहना.