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कीअं थींदी दिल्ही तुंहिंजी? / अमुल चैनलाल आहूजा 'रहिमी'

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कीअं थींदी बि भला
तुंहिंजी दिल्ही
ॿुधो कोन अथई
आहे इहा
दिल वारनि
दलनि
ऐं दलालनि जी
पहिरियों चाहीदें बि
थियण न ॾींदइ
ऐं
पोयां ॿ थी न सघंदें!