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कृष्ण बने मनिहार -सुनो री आली / बुन्देली

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

कृष्ण बने मनिहार -सुनो री आली
सर पे चुनरिया को डाल सुनो री आली। कृष्ण...
आँखों में काजल अति सोहे,
नैना देख सभी मन मोहे,
हाथों में बाजूबंद डार, सुनो री आली। कृष्ण...
कानों में कुण्डल अति सोहे, मुतियन चमक देख मन मोहे
गले में पहिने है हार, सुनो री आली। कृष्ण...
सोलह शृंगार करें मनमोहन, बरसाने पहुंचे हैं मोहन
नर से बनेहैं नारि, सुनो री आली। कृष्ण...
ललिता ने है टेर लगाई, झपट के पहुंचे कृष्ण कन्हाई
मन में खुशी है अपार, सुनो री आली। कृष्ण...
चूड़ी पहिनाओ प्यारी, तुम्हारी साड़ी कितनी प्यारी,
कैसी बनी ब्रजनारि, सुनो री आली। कृष्ण...