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"कोई राधा से कह देता / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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'यद्यपि योगेश्वर कहलाता  
 
'यद्यपि योगेश्वर कहलाता  
मैं सुख:दुःख में सम रह जाता  
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मैं सुख-दुख में सम रह जाता  
 
किन्तु ध्यान जब उसका आता  
 
किन्तु ध्यान जब उसका आता  
 
चुपके से रो लेता  
 
चुपके से रो लेता  

00:43, 20 जुलाई 2011 का अवतरण


कोई राधा से कह देता
उसके लिये विकल है अब भी गीता-शास्त्र-प्रणेता
 
'यद्यपि योगेश्वर कहलाता
मैं सुख-दुख में सम रह जाता
किन्तु ध्यान जब उसका आता
चुपके से रो लेता
 
'साथ रुक्मिणी के भी रहकर
उसे न भूल सका मैं पल भर
आता हूँ नित यमुना तट पर
मन की नौका खेता'

कोई राधा से कह देता
उसके लिये विकल है अब भी गीता-शास्त्र-प्रणेता