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क्यू पारी सै काल चाल म्हारे मौज करया करिए रै / मेहर सिंह

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वार्ता- इस पर सौदागर रानी अम्बली को क्या कहता है-

क्यू पारी सै काल चाल म्हारे मौज करया करिए रै।टेक

शीशों कैसैं महल नार उनमैं हवा खाया करिए
रेशमी साड़ी के उपरी कलप सुनहरी लाया करिए
खुशबोई का साबण नार मल मल कै नहाया करिए
वासलीन की शीशी ल्यादू पट्टी मांग जमाया करिए
बिछी और रमझोल पहर कै मेरे मन को रिझाया करिए
काम करण कै लेखै परी पायां नै मत ठाया करिए
ल्या द्यूंगा हरा रूमाल गोज मैं घाल फिर्या करिए रै

जगहां जगहां पै कोठी म्हारी दो दो महीने ठहरया करिए
बम्बई कलकत्ता और जापान रूस बसरे का सहरा करिए
उंची ऐडी बूंट बिलाती शाम सवेरे पहरया करिए
वेस्टन वाच तेरी घड़ी मंगा द्यूं हाथां पै जंचाया करिए
मुरादा बादी मैहंदी ल्या द्यूं हाथां पै रचाया करिए
नौ नारी की झलक मेरे महलों को सजाया करिए
हो ज्यांगा तेरे पै नहाल तूं पायल पहर कै पैड धरया करिए रै।

हरमुनी और पेटी ल्यादूं कमरे मैं बजाया करिए
कुर्सी मूढ़े घाल कै मन मेरा भी रिझाया करिए
पलंग निवारी पड़े रहैं उड़ै गलीचे लगाया करिए
सोड़ा वाटर बोतल ल्यादूं बर्फ रला कै पिया करिए
नौकरां नै तन्खाह गौरी अपणे हाथां दिया करिए
मैं तनैं देख कै राजी हूंगा तूं मनै देख कै जिया करिए
हो ज्यागा अजब कमाल मांग में रंगलाल भरया करिए रै।

शीश फूल कोड़ी जूड़ा कर्ण फूल मुंह का छाज
वेसर झूमर न्यारी सुनारां के तै ल्यादूं आज
जुगनी की दो कंठी माला उपर जागा घूंघट बाज
सारा सिंगार करकै गौरी एक माथै टीका करिए
पणवासी का बर्ती रहूंगा चन्द्रमा सी दिख्या करिए
गाणा और बजाणा मेहर सिंह लखमीचन्द पै सिख्या करिए
तरी मुर्गाई सी चाल, म्हारै धन के ताल तर्या करिए रै।