भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"गद्दारी / तेनजिन त्सुंदे / अजेय" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=तेनजिन त्सुंदे |अनुवादक=अजेय |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
 
पंक्ति 23: पंक्ति 23:
 
तभी लगता है मुझे
 
तभी लगता है मुझे
 
मैंने अपने पिता के साथ गद्दारी की
 
मैंने अपने पिता के साथ गद्दारी की
 +
 +
'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : अजेय'''
 
</poem>
 
</poem>

14:07, 26 सितम्बर 2019 के समय का अवतरण

मेरे पिता मर गए थे
मेरे घर की रक्षा करते हुए
मेरे गाँव और मेरे देश की रक्षा करते हुए

मैं भी लड़ना चाहता था
पर हम बौद्ध हैं
लोग कहते हैं
हमें शान्त और अहिंसक होना चाहिए

और
मैं माफ़ कर देता हूँ
अपने शत्रु को

पर
तभी लगता है मुझे
मैंने अपने पिता के साथ गद्दारी की

अँग्रेज़ी से अनुवाद : अजेय