भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

गरीब देश-2 / पवन करण

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:01, 28 अक्टूबर 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पवन करण |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}} <Poem> आप मेर...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आप मेरी भूख से ज़्यादा
मेरी बीमारी पर बात करते हैं

मुझे कौन सी बीमारी है
यह भी आप ढूँढ़ लेते हैं
बीमारी में मेरी ज़रूरतें
क्या होंगीं ये आपकी
कँपनियाँ तय कर लेती हैं

हवाई-जहाज़ों में भरकर
दवाइयाँ आती हैं और मेरे मुँह में
ठूँस दी जाती हैं मैं उनमें रोटियाँ
और मेरे बच्चे दूध बिस्कुट ढूँढ़ते हैं

मैदान ओैर गलियाँ
गर्भ-निरोधकों की एक्सपायरी से
भरे पड़े हैं मेरे

हथियारों की जगह जो
रोटियों से हल हो सकती हैं
मेरे भीतर फैली वह लड़ाई
तुम्हें नज़र ही नहीं आती