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"ग़म ए अन्जाम ए शादमानी से / ज़िया फ़तेहाबादी" के अवतरणों में अंतर
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− | ग़म ए अन्जाम ए शादमानी से | + | ग़म ए अन्जाम ए शादमानी से । |
− | दिल हिरासाँ है कामरानी से | + | दिल हिरासाँ है कामरानी से । |
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निकहत ओ रंग ए गुल से क्या निसबत | निकहत ओ रंग ए गुल से क्या निसबत | ||
− | मेरे ग़म से तेरी जवानी से | + | मेरे ग़म से तेरी जवानी से । |
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कारोबार ए हवस चला क्या क्या | कारोबार ए हवस चला क्या क्या | ||
− | जिन्स ए इखलास की गिरानी से | + | जिन्स ए इखलास की गिरानी से । |
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हुआ हमवार जादा ए मंज़िल | हुआ हमवार जादा ए मंज़िल | ||
− | पा ए हिम्मत की सख्तजानी से | + | पा ए हिम्मत की सख्तजानी से । |
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सोज़ भी अश्क ए ग़म में शामिल है | सोज़ भी अश्क ए ग़म में शामिल है | ||
आग़ का मेल और पानी से ? | आग़ का मेल और पानी से ? | ||
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क्यूँ मेरा दिल धड़कने लगता है | क्यूँ मेरा दिल धड़कने लगता है | ||
− | कैस ओ फ़रहाद की कहानी से | + | कैस ओ फ़रहाद की कहानी से । |
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सीख ली बुलबुलों ने नगमागरी | सीख ली बुलबुलों ने नगमागरी | ||
− | ऐ " ज़िया " तेरी ख़ुशबयानी से | + | ऐ " ज़िया " तेरी ख़ुशबयानी से । |
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11:31, 8 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
ग़म ए अन्जाम ए शादमानी से ।
दिल हिरासाँ है कामरानी से ।
निकहत ओ रंग ए गुल से क्या निसबत
मेरे ग़म से तेरी जवानी से ।
कारोबार ए हवस चला क्या क्या
जिन्स ए इखलास की गिरानी से ।
हुआ हमवार जादा ए मंज़िल
पा ए हिम्मत की सख्तजानी से ।
सोज़ भी अश्क ए ग़म में शामिल है
आग़ का मेल और पानी से ?
क्यूँ मेरा दिल धड़कने लगता है
कैस ओ फ़रहाद की कहानी से ।
सीख ली बुलबुलों ने नगमागरी
ऐ " ज़िया " तेरी ख़ुशबयानी से ।