भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"गिला किसे है कि क़ातिल ने नीमजाँ छोडा़ / यगाना चंगेज़ी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: गिला किसे है कि क़ातिल ने नीमजाँ<ref>अर्द्धमृतक</ref> छोड़ा। तड़प-तड़...)
 
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
+
{{KKGlobal}}
 +
{{KKRachna
 +
|रचनाकार=यगाना चंगेज़ी
 +
|संग्रह=
 +
}}
  
 
गिला किसे है कि क़ातिल ने नीमजाँ<ref>अर्द्धमृतक</ref> छोड़ा।
 
गिला किसे है कि क़ातिल ने नीमजाँ<ref>अर्द्धमृतक</ref> छोड़ा।

18:41, 13 जुलाई 2009 के समय का अवतरण

गिला किसे है कि क़ातिल ने नीमजाँ<ref>अर्द्धमृतक</ref> छोड़ा।

तड़प-तड़प के निकालूँगा हौसला दिल का॥


ख़ुदा बचाये कि नाज़ुक है उनमें एक-से-एक।

तुनक-मिज़ाजों से ठहरा मुआमला दिल का॥


किसी के हो रहो अच्छी नहीं यह आज़ादी।

किसी को ज़ुल्फ़ से लाज़िम है सिलसिला दिल का॥


पियाला ख़ाली उठाकर लगा लिया मुँह से।

कि ‘यास’ कुछ तो निकला जाय हौसला दिल का॥



शब्दार्थ
<references/>