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"गीत तो ये हैं सभी उनको सुनाने के लिए / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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राह मिलती है न तेरे घर में आने के लिए
 
राह मिलती है न तेरे घर में आने के लिए
  
ज़िन्दगी की रात है यह एक तेरी ही, गुलाब!
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ज़िन्दगी की रात है यह एक ही तेरी, गुलाब!
 
और वह भी है मिली आँसू बहाने के लिए  
 
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01:49, 9 जुलाई 2011 के समय का अवतरण


गीत तो ये हैं सभी उनको सुनाने के लिए
कुछ मगर हैं दिल ही दिल में गुनगुनाने के लिए

सामने नज़रों के आना उनसे बन पाता नहीं
बन गए थे सौ बहाने दिल में आने के लिए

यों तो ग़ज़लों के बहाने उनसे मिल लेते हैं हम
पर बहाना चाहिए कुछ तो बहाने के लिए

कट गयी है उम्र सारी काटते चक्कर, मगर
राह मिलती है न तेरे घर में आने के लिए

ज़िन्दगी की रात है यह एक ही तेरी, गुलाब!
और वह भी है मिली आँसू बहाने के लिए