भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"गीत मैंने लिखे हैं तुम्हारे लिए / रंजन कुमार झा" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रंजन कुमार झा |अनुवादक= |संग्रह= }} {{K...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
14:35, 4 अगस्त 2018 के समय का अवतरण
बीती यादों के अनगिन सहारे लिए
गीत मैंने लिखे हैं तुम्हारे लिए
वो तुम्हारी छुअन का जो अहसास था
मिल रही निज धरा से ही आकाश था
मांग हमने गगन से सितारे लिए
कोई तुमसे जुदा कर, न ले जाए छिन
दो तुम्हारे नयन तकते थे रात-दिन
उन नयन से मिलन के इशारे लिए
पर मेरी साधनाएं अधूरी-विकल
रह गयी, गैर के संग गए तुम निकल
आँख के बहते अश्रु के धारे लिए
अब हो उस पार तुम बीच में है नदी
बिन तुम्हारे लगे चार पल भी सदी
बह रही धार गुमसुम किनारे लिए