भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

गोविन्द गुलशन

2,377 bytes added, 18:59, 15 सितम्बर 2016
{{KKParichay
|चित्र=Govind_gulshan.jpg
|नाम=गोविन्द कुमार सक्सैनागुलशन
|उपनाम=गोविन्द गुलशन
|जन्म=7 फरवरी 07 फ़रवरी 1957 |जन्मस्थान=अनूपशहर , बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश|कृतियाँ=जलता रहा चराग़ ( पूर्व प्रकाशित ग़ज़ल संग्रह), हवा के टुकड़े, फूल शबनम के ( प्रकाश्य - ग़ज़ल-संग्रह) |विविध=मूल नाम गोविन्द कुमार सक्सैना। सारस्वत सम्मान, अग्निवेश सम्मान
|जीवनी=[[गोविन्द गुलशन / परिचय]]
|अंग्रेज़ीनाम=Govind Gulshan
|shorturl=govindgulshan
}}
{{KKShayar}}{{KKCatUttarPradesh}}====कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ====
* [[कर लिए मैंने मुहब्बत में अना के टुकड़े / गोविन्द गुलशन]]
* [[हमारे चाहने वाले बहुत हैं / गोविन्द गुलशन]]
* [[क़ीमती हो न हो सौग़ात से डर लगता है / गोविन्द गुलशन]]
* [[पानी का एक कारवाँ घर-घर में आ गया / गोविन्द गुलशन]]
* [[होता रहा जब राख मेरा घर मेरे आगे / गोविन्द गुलशन]]
* [[हमने जाना मगर क़रार के बाद / गोविन्द गुलशन]]
* [[आवाज़ सुनी मेरी न रूदाद किसी ने / गोविन्द गुलशन]]
* [[रौशनी की महक जिन चराग़ों में है / गोविन्द गुलशन]]
* [[उन्हें अब ज़ख़्म सीना आ गया है / गोविन्द गुलशन]]
* [[कौन अपना है ये चेहरों से नहीं जानते हैं / गोविन्द गुलशन]]* [[जो ख़त लिखे हुए थे, किताबों में रह गए / गोविन्द गुलशन]]* [[दिल को सुकून दीदा-ए-तर ने नहीं दिया /गोविन्द गुलशन]]* [[बहुत ख़फ़ा हैं वो आज हमसे हमें बस इतना जता रहे हैं / गोविन्द गुलशन]]* [[अब चलो ये भी ख़ता की जाए /गोविन्द गुलशन]]* [[दिल है उसी के पास,हैं साँसें उसी के पास /गोविन्द गुलशन]]* [[मेरे क़रीब जितने अँधेरे थे हट गये / गोविन्द गुलशन]]* [[उसकी आँखों में बस जाऊँ मैं कोई काजल थोड़ी हूँ / गोविन्द गुलशन]]* [[क़रार दे के किया जिसने बेक़रार मुझे / गोविन्द गुलशन]]* [[दिल में ये एक डर है बराबर बना हुआ / गोविन्द गुलशन]]* [[इधर उधर की न बातों में तुम घुमाओ मुझे / गोविन्द गुलशन]]* [[इस लिए रहता नहीं कोई नया डर मुझमें / गोविन्द गुलशन]]* [[क्यूँ है ख़ामोश समंदर तुम्हें मा’लूम है क्या / गोविन्द गुलशन]]* [[जीने की तमन्ना लिए मर जाऊँ तो क्या हो / गोविन्द गु्लशन ]]* [[मैं ख़ुद पे एक अजब वार करने वाला था / गोविन्द गुलशन ]]* [[कभी जब रंग भरता हूँ तो भरने क्यूँ नहीं देते /गोविन्द गुलशन ]]* [[धूप के पेड़ पर कैसे शबनम उगे बस यही सोच कर सब परेशान हैं/ गोविन्द गुलशन]]