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"गौतम की तरह घर से निकल कर नहीं जाते / मुनव्वर राना" के अवतरणों में अंतर

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उस दिन से इसी शहर में है घर नहीं जाते
 
उस दिन से इसी शहर में है घर नहीं जाते
  
एक उम्र यूँ ही काट दी फ़ुटपाथ
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एक उम्र यूँ ही काट दी फ़ुटपाथ पे रहकर
पे रहकर
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हम ऐसे परिन्दे हैं जो उड़कर नहीं जाते
 
हम ऐसे परिन्दे हैं जो उड़कर नहीं जाते
  

21:10, 7 फ़रवरी 2009 का अवतरण

गौतम की तरह घर से निकल कर नहीं जाते
हम रात में छुपकर कहीं बाहर नहीं जाते

बचपन में किसी बात पर हम रूठ गए थे
उस दिन से इसी शहर में है घर नहीं जाते

एक उम्र यूँ ही काट दी फ़ुटपाथ पे रहकर
हम ऐसे परिन्दे हैं जो उड़कर नहीं जाते

उस वक़्त भी अक्सर तुझे हम ढूँढने निकले
जिस धूप में मज़दूर भी छत पर नहीं जाते

हम वार अकेले ही सहा करते हैं ‘राना’
हम साथ में लेकर कहीं लश्कर नहीं जाते