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"घर पहुँचना / कुंवर नारायण" के अवतरणों में अंतर

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हम सब एक सीधी ट्रेन पकड़ कर  
 
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अपने अपने घर पहुँचना चाहते  
 
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हम सब ट्रेनें बदलने की  
 
हम सब ट्रेनें बदलने की  
 
 
झंझटों से बचना चाहते  
 
झंझटों से बचना चाहते  
 
 
 
  
 
हम सब चाहते एक चरम यात्रा  
 
हम सब चाहते एक चरम यात्रा  
 
 
और एक परम धाम  
 
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हम सोच लेते कि यात्राएँ दुखद हैं  
 
हम सोच लेते कि यात्राएँ दुखद हैं  
 
 
और घर उनसे मुक्ति  
 
और घर उनसे मुक्ति  
 
 
 
  
 
सचाई यूँ भी हो सकती है  
 
सचाई यूँ भी हो सकती है  
 
 
कि यात्रा एक अवसर हो  
 
कि यात्रा एक अवसर हो  
 
 
और घर एक संभावना  
 
और घर एक संभावना  
 
 
 
  
 
ट्रेनें बदलना  
 
ट्रेनें बदलना  
 
 
विचार बदलने की तरह हो  
 
विचार बदलने की तरह हो  
 
 
और हम सब जब जहाँ जिनके बीच हों  
 
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वही हो  
 
वही हो  
 
 
घर पहुँचना
 
घर पहुँचना
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02:01, 5 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

हम सब एक सीधी ट्रेन पकड़ कर
अपने अपने घर पहुँचना चाहते

हम सब ट्रेनें बदलने की
झंझटों से बचना चाहते

हम सब चाहते एक चरम यात्रा
और एक परम धाम

हम सोच लेते कि यात्राएँ दुखद हैं
और घर उनसे मुक्ति

सचाई यूँ भी हो सकती है
कि यात्रा एक अवसर हो
और घर एक संभावना

ट्रेनें बदलना
विचार बदलने की तरह हो
और हम सब जब जहाँ जिनके बीच हों
वही हो
घर पहुँचना