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घाम-दिन गइस, आइस बरखा के दिन / कोदूराम दलित

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घाम-दिन गइस, आइस बरखा के दिन
सनन-सनन चले पवन लहरिया।
छाये रथ अकास-मां, चारों खूंट धुंवा साही
बरखा के बादर निच्चट भिम्म करिया।।

चमकय बिजली, गरजे घन घेरी-बेरी
बससे मूसर-धार पानी छर छरिया।
भर गें खाई-खोधरा, कुंवा डोली-डांगर "औ"
टिप टिप ले भरगे-नदी, नरवा, तरिया।।