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ओ म्हारी घूमर छे नखराळी ऐ माँ
 
ओ म्हारी घूमर छे नखराळी ऐ माँ
  

17:56, 13 जुलाई 2008 का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

ओ म्हारी घूमर छे नखराळी ऐ माँ

घुमर रमवा म्हें जास्याँ

ओ राजरी घुमर रमवा म्हें जास्याँ


ओ म्हाने रमता ने काजळ टिकी लादयो ऐ माँ

घुमर रमवा म्हें जास्याँ

ओ राजरी घुमर रमवा म्हें जास्याँ


ओ म्हाने रमता ने लाडूङो लादयो ऐ माँ

घुमर रमवा म्हें जास्याँ .

ओ राजरी घुमर रमवा म्हें जास्याँ .


ओ म्हाने परदेशियाँ मत दीजो रे माँ

घुमर रमवा म्हें जास्याँ

ओ राजरी घुमर रमवा म्हें जास्याँ


ओ म्हाने राठोडा रे घर भल दीजो ऐ माँ

घुमर रमवा म्हें जास्याँ

ओ राजरी घुमर रमवा म्हें जास्यां


ओ म्हाने राठोडा री बोली प्यारी लागे ऐ माँ

घुमर रमवा म्हें जास्याँ

ओ राजरी घुमर रमवा म्हें जास्यां


ओ म्हारी घुमर छे नखराळी ऐ माँ

घुमर रमवा म्हें जास्याँ ...