भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

घोड़बा चढ़ल अबथिन ब्राह्मण दुलरुआ / मैथिली लोकगीत

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:53, 30 जून 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह=देवी...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

घोड़बा चढ़ल अबथिन ब्राह्मण दुलरुआ
हाथ दुनू कमलक फूल यो
किए भेलौं ब्राह्मण शक्तिहीना
मुँह किए तोहर मलीन यो
पान बिना आहे सेवक मुँहमा मलीन भेल
जनौ बिनु शक्तिसँ हीन यो
देब यो ब्राह्मण बाबू पीअरे जनौआ
आर देब मुखबामे पान यो
नहाए सोनाए ब्राह्मण थीर भय बैसला
सूर्य के कयल मलीन यो
भनहि विद्यापति सुनू यो ब्राह्मण बाबू
सदा रहब सहाय यो