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चपटी भरी चोखा / गुजराती लोक गरबा

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

चपटी भरी चौखा ने घी नो छे दिवडो

हे श्रीफल नी जोड़ लई ने हालो हालो पावागढ़ जैई ये ने..


सामे नी पोळ थी मालिडो आवे....

ऐ गजरा नी जोड़ लई ने हालो हालो पावागढ़ जैई ये ने.....

चपटी भरी चौखा ने घी नो छे दिवडो......


सामे नी पोळ थी डोसिडो आवे....

ऐ चुंदरी नी जोड़ लई ने हालो हालो पावागढ़ जैई ये ने.....

चपटी भरी चौखा ने घी नो छे दिवडो....


सामे नी पोळ थी कुम्भारी आवे...

ऐ माता नो गरबो लई ने हालो हालो पावागढ़ जैई ये ने.....

चपटी भरी चौखा ने घी नो छे दिवडो....


सामे नी पोळ थी सुथारी आवे....

ऐ बाजट नी जोड़ लई ने लई ने हालो हालो पावागढ़ जैई ये ने.....

चपटी भरी चौखा ने घी नो छे दिवडो....


चपटी भरी चौखा ने घी नो छे दिवडो....

हालो हालो पावागढ़ जैई ये ने.....