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"चांद तन्हा है आसमां तन्हा / मीना कुमारी" के अवतरणों में अंतर

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चाँद तन्हा है आसमाँ तन्हा,
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बुझ गई आस, छुप गया तारा,
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जिस्म तन्हा है और जाँ तन्हा
दिल मिला है कहाँ कहाँ तन्हा
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हमसफ़र कोई गर मिले भी कभी,
 
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सिमटा-सिमटा-सा एक मकाँ तन्हा
जलती बुझती सी रोशनी के परे,
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छोड़ जाएँगे ये जहाँ तन्हा।
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12:26, 1 सितम्बर 2013 के समय का अवतरण

चाँद तन्हा है आसमाँ तन्हा,
दिल मिला है कहाँ-कहाँ तन्हा

बुझ गई आस, छुप गया तारा,
थरथराता रहा धुआँ तन्हा

ज़िन्दगी क्या इसी को कहते हैं,
जिस्म तन्हा है और जाँ तन्हा

हमसफ़र कोई गर मिले भी कभी,
दोनों चलते रहें कहाँ तन्हा

जलती-बुझती-सी रोशनी के परे,
सिमटा-सिमटा-सा एक मकाँ तन्हा

राह देखा करेगा सदियों तक
छोड़ जाएँगे ये जहाँ तन्हा।