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"चेतावनी / मारकंडेय शायर" के अवतरणों में अंतर

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जो करते हो मुझ पर सितम, देख लेना,
अलम का नतीजा अलम, देख लेना।

लगें वां मुकाबिल, अगर गन मशीनें,
अड़ा देंगे छाती को हम, देख लेना।

अजी भूमि भारत की ख़ातिर मरेंगे,
हटेगा न पीछे क़दम, देख लेना।

रहे मांग स्वाधीनता की बराबर,
है जब तक मेरे दम में, दम देख लेना।

ठनी जो है दिल में, ठनी ही रहेगी,
अगर जाएं मुल्के-अदम, देख लेना।

अहिंसा न छोड़ेंगे, ऐ मारकंडे।
मुझे तो है गंगा-कसम, देख लेना।

रचनाकाल: सन 1930