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"चैन न आया दिल को घड़ी भर, हरदम वार पे वार हुए / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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आपने प्यार का खेल किया हो, हम तो बहुत बेजार हुए | आपने प्यार का खेल किया हो, हम तो बहुत बेजार हुए | ||
− | तीर तो थे तरकश में | + | तीर तो थे तरकश में हज़ारों, चल भी गए कुछ चल न सके |
टूट के उन क़दमों पे गिरे कुछ, कुछ हैं दिलों के पार हुए | टूट के उन क़दमों पे गिरे कुछ, कुछ हैं दिलों के पार हुए | ||
− | हम न रहे तो कौन भला ये | + | हम न रहे तो कौन भला ये शोख़ अदायें देखेगा! |
बाग़ की सब रंगत है हमीं से फूल भले ही हज़ार हुए | बाग़ की सब रंगत है हमीं से फूल भले ही हज़ार हुए | ||
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अपनी पँखुरियों को छितराकर, आज गुलाब ये कहता था, | अपनी पँखुरियों को छितराकर, आज गुलाब ये कहता था, | ||
'खूब जिन्हें खिलना हो खिले अब, हम तो हवा पे सवार हुए' | 'खूब जिन्हें खिलना हो खिले अब, हम तो हवा पे सवार हुए' | ||
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08:30, 2 जुलाई 2011 का अवतरण
चैन न आया दिल को घड़ी भर, हरदम वार पे वार हुए
आपने प्यार का खेल किया हो, हम तो बहुत बेजार हुए
तीर तो थे तरकश में हज़ारों, चल भी गए कुछ चल न सके
टूट के उन क़दमों पे गिरे कुछ, कुछ हैं दिलों के पार हुए
हम न रहे तो कौन भला ये शोख़ अदायें देखेगा!
बाग़ की सब रंगत है हमीं से फूल भले ही हज़ार हुए
एक हमीं को क्यों दुनिया ने दीवाने का नाम दिया
जब कि हमारी हर धड़कन में आप भी हिस्सेदार हुए!
अपनी पँखुरियों को छितराकर, आज गुलाब ये कहता था,
'खूब जिन्हें खिलना हो खिले अब, हम तो हवा पे सवार हुए'