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जनक सुता पति सरन तुमारे
राम लछमन भरत सत्रुघ्न दशरथ जीवन प्रान पियारे।
दीन दयाल कृपाल दयानिधि सुरनर मुनि के काज समारे।
कृपा द्रिस्ट दालद्रि विनासन दीन दुखत अति अधम उधारे।
सौरी गीद सुमत कर सूधी परून पद दीनो अघ हारे।
करो उबार दास जूड़ी को दीनबंद हर वेद पुकारे।