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"जब किसी से कोई गिला रखना / निदा फ़ाज़ली" के अवतरणों में अंतर

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21:44, 8 अगस्त 2009 का अवतरण


जब किसी से कोई गिला रखना
सामने अपने आईना रखना

यूँ उजालों से वास्ता रखना
शम्मा के पास ही हवा रखना

घर की तामीर<ref>निर्माण, रचना</ref> चाहे जैसी हो
इस में रोने की जगह रखना

मस्जिदें हैं नमाज़ियों के लिये
अपने घर में कहीं ख़ुदा रखना

मिलना जुलना जहाँ ज़रूरी हो
मिलने-जुलने का हौसला रखना

शब्दार्थ
<references/>

शब्दार्थ :
तामीर= निर्माण, रचना