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"जलो-जलो / महेन्द्र भटनागर" के अवतरणों में अंतर

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संघर्षों की ज्वाला में जलो, जलो !
 
संघर्षों की ज्वाला में जलो, जलो !
  
बलिदान-त्यागमय जीवन हो,
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::बलिदान-त्यागमय जीवन हो,
कारागृह भी शांति-सदन हो,
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::कारागृह भी शांति-सदन हो,
 
जन-हित, बीहड़ पथ पर भी चलो, चलो !
 
जन-हित, बीहड़ पथ पर भी चलो, चलो !
  
तम से ग्रस्त अवनि ज्योतित हो,
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::तम से ग्रस्त अवनि ज्योतित हो,
मुरझाया उपवन कुसुमित हो,
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::मुरझाया उपवन कुसुमित हो,
 
मधु-ऋतु के हित युग-हिम में गलो, गलो !
 
मधु-ऋतु के हित युग-हिम में गलो, गलो !
  
 
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23:57, 28 अगस्त 2008 के समय का अवतरण

संघर्षों की ज्वाला में जलो, जलो !

बलिदान-त्यागमय जीवन हो,
कारागृह भी शांति-सदन हो,
जन-हित, बीहड़ पथ पर भी चलो, चलो !

तम से ग्रस्त अवनि ज्योतित हो,
मुरझाया उपवन कुसुमित हो,
मधु-ऋतु के हित युग-हिम में गलो, गलो !

1944