भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जळेबी / शिवराज भारतीय

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:32, 20 अक्टूबर 2013 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

टेढी-मेढी गोळ जळेबी
खावै टाबर टोळ जळेबी
मीठी-मीठी ताजी-ताजी
रस री है रमझोळ जळेबी।
टुन्नू नै दिन उग्यां पैली
रोज चाईजै दूध-जळेबी।
सीयाळै री रूत में सगळा
खावै गरमा-गरम जळेबी।
ताकत सारू पै‘लवान जी
करै कलेवो खीर जळेबी।
टेढी-मेढी गोळ जळेबी
खावै टाबर टोळ जळेबी