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"ज़िन्दगी मरने से घबराती भी है / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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बेसुधी रुकने नहीं देती हमें | बेसुधी रुकने नहीं देती हमें | ||
− | जब कोई | + | जब कोई मंज़िल नज़र आती भी है |
यों तो मरती ही रही है ज़िन्दगी | यों तो मरती ही रही है ज़िन्दगी | ||
यह कभी मरने से जी जाती भी है | यह कभी मरने से जी जाती भी है | ||
− | कुछ तो कहती हैं तेरी | + | कुछ तो कहती हैं तेरी ख़ामोशियाँ |
जब नज़र मिलती है, शरमाती भी है | जब नज़र मिलती है, शरमाती भी है | ||
रोज़ खिलते हैं उन आँखों में गुलाब | रोज़ खिलते हैं उन आँखों में गुलाब | ||
− | दिल में पर | + | दिल में पर ख़ुशबू पहुँच पाती भी है! |
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08:34, 2 जुलाई 2011 का अवतरण
ज़िन्दगी मरने से घबराती भी है
चढ़के शोलों पे कभी गाती भी है
बेसुधी रुकने नहीं देती हमें
जब कोई मंज़िल नज़र आती भी है
यों तो मरती ही रही है ज़िन्दगी
यह कभी मरने से जी जाती भी है
कुछ तो कहती हैं तेरी ख़ामोशियाँ
जब नज़र मिलती है, शरमाती भी है
रोज़ खिलते हैं उन आँखों में गुलाब
दिल में पर ख़ुशबू पहुँच पाती भी है!