भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
जाणकारी / सांवर दइया
Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 02:31, 27 दिसम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सांवर दइया |संग्रह=आखर री आँख सूं / सांवर दइया }} [[Ca…)
ऐ आंगळियां जाणै
कुण-सा तार कित्ता कम्यां पछै
सावल बाजै डील-सितार
आं हाथां नै ठा है
कठै कांई कित्तो गोळ-गोळ है
डील-बिरछ
ऐ सांसां जाणै
ठाली बूली ठिठकारियोड़ी ठण्ड में
कठै लाधै निवास
औ जी जाणै
मन री अंधारी अमूजती घाटी में
थारी ओळूं रो दीवो
नित करै उजास !