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जिन्दगी और प्यार / बिन्देश्वर प्रसाद शर्मा ‘बिन्दु’

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दहकते हुए आग को इस तरह से आप मत देखो
यही तो इश्क है प्यारे अब रिक्स लेकर मत देखो।
क्योंकि जब तूफान आते हैं तो भंवर सामने होता है
कस्ती इस तरह डूबने लगती है मौत सामने होता है।
प्यार की बातें कुछ मुलाकातें और कुछ यादों में रहते हैं
दिल की बातें दो दिल मिलकर दिल की बातें करते हैं।
जिंदगी वफा करना बेवफा से जिंदगी सफा मत करना
दिल की बातें दिल में रखकर और मुसिबत मत सहना।
क्योंकि इश्क करने वाले हैवान नहीं इंसान ही होते हैं
नदां अपने को मत समझ जिंदगी दो एक जान होते हैं।
अपने आप को इतना कम मत अांको अहम भी न करो
उसी के बंदे हम प्यार ज्यादा नहीं तो कम भी न करो।
इंसानियत से इंसान की पहचान होती है वही महान है
अपने आप को देखो और पूछो हम कहाँ तक इंसान है।
इस फरेबी मुल्क में शैतान नकाब पहनकर घुमते हैं
बेईमान को अल्लाह- रसूल और इमाम नहीं मिलतें हैं।