भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"जो हुआ वो हुआ किसलिए / निदा फ़ाज़ली" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निदा फ़ाज़ली |संग्रह=आँखों भर आकाश / निदा फ़ाज़…)
 
 
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
|संग्रह=आँखों भर आकाश / निदा फ़ाज़ली  
 
|संग्रह=आँखों भर आकाश / निदा फ़ाज़ली  
 
}}
 
}}
 +
{{KKCatGhazal}}
 
<poem>
 
<poem>
 
जो हुआ वो हुआ किसलिए
 
जो हुआ वो हुआ किसलिए

18:18, 11 अक्टूबर 2020 के समय का अवतरण

जो हुआ वो हुआ किसलिए
हो गया तो गिला किसलिए

काम तो हैं ज़मीं पर बहुत
आसमाँ पर खुदा किसलिए

एक ही थी सुकूँ की जगह
घर में ये आइना किसलिए