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"झील में खिलते कमल दल की क़तारों की तरह / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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झील में खिलते कमल दल की क़तारों की तरह
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तुम हसीं लगती हो बर्फीले  पहाड़ो  की तरह
  
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चाँदनी की तरह सजधज के पास आ जाओ
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राह हम देखते दरिया  के किनारों की तरह
  
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मेरे जैसे यहाँ कितने  हैं और दीवाने
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रात भर जागते रहते जो सितारों की तरह
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मेरे महबूब की लहराती घनेरी जुल्फें
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मेरे शानों पे बिखर जांयें घटाओं की तरह
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प्यार करने की इज़ाज़त है गरीबों को कहाँ
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देखता उसको ज़माना है गुनाहों की तरह
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मेरे हर काम में  वो नुक़्स निकाला करता
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मेरा पीछा करे हर वक़्त सवालों की तरह
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जब बियाबाँ में अकेला  मैं घिरा होता हूँ
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मेरी माँ सामने होती है दुआओं की तरह
 
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14:53, 16 नवम्बर 2020 के समय का अवतरण

झील में खिलते कमल दल की क़तारों की तरह
तुम हसीं लगती हो बर्फीले पहाड़ो की तरह

चाँदनी की तरह सजधज के पास आ जाओ
राह हम देखते दरिया के किनारों की तरह

मेरे जैसे यहाँ कितने हैं और दीवाने
रात भर जागते रहते जो सितारों की तरह

मेरे महबूब की लहराती घनेरी जुल्फें
मेरे शानों पे बिखर जांयें घटाओं की तरह

प्यार करने की इज़ाज़त है गरीबों को कहाँ
देखता उसको ज़माना है गुनाहों की तरह

मेरे हर काम में वो नुक़्स निकाला करता
मेरा पीछा करे हर वक़्त सवालों की तरह

जब बियाबाँ में अकेला मैं घिरा होता हूँ
मेरी माँ सामने होती है दुआओं की तरह