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टोला टॉपर में बिन साजन रहती हूँ / अवधेश्वर प्रसाद सिंह

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टोला टॉपर में बिन साजन रहती हूँ।
बुढ़वा के हुलकी-बुलकी से डरती हूँ।।

रंग अबीर गुलाल सभी के हाथों में।
उन्मादी हरकत से भागी फिरती हूँ।।

महिला कोई रंग अबीर गुलाल नहीं।
इनपे अत्याचारों से मैं लड़ती हूँ।।

होली में रंगों की झोली में देखो।
हुड़दंगी के नादानी पर मरती हूँ।।

होली तो सतरंगी दिल वालांे की है।
सद्भावी रँगी पिचकारी भरती हूँ।।

हुडदंगांे से होली की बदनामी है।
वासन्ती से हम सब भी ये कहती हूँ।।