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"तड़प उठूँ भी तो ज़ालिम तेरी दुहाई न दूँ / फ़राज़" के अवतरणों में अंतर

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तड़प उठूँ भी तो ज़ालिम तेरी दुहाई न दूँ
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तेरे बदन में धड़कने लगा हूँ दिल की तरह
मैं ज़ख़्म ज़ख़्म हूँ फिर भी तुझे दिखाई न दूँ <br><br>
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ये और बात के अब भी तुझे सुनाई न दूँ <br><br>
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20:24, 8 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

तड़प उठूँ भी तो ज़ालिम तेरी दुहाई न दूँ
मैं ज़ख़्म ज़ख़्म हूँ फिर भी तुझे दिखाई न दूँ

तेरे बदन में धड़कने लगा हूँ दिल की तरह
ये और बात के अब भी तुझे सुनाई न दूँ

ख़ुद अपने आपको परखा तो ये नदामत है
के अब कभी उसे इल्ज़ाम-ए-बेवफ़ाई न दूँ

मुझे भी ढूँढ कभी मह्व-ए-आईनादारी
मैं तेरा अक़्स हूँ लेकिन तुझे दिखाई न दूँ