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"ता दिन अखिल खलभलै खल खलक में / भूषण" के अवतरणों में अंतर
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देखि भूषण सुकवि बरनत हरखत हैं . | देखि भूषण सुकवि बरनत हरखत हैं . | ||
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क्यों न उत्पात होहिं बैरिन के झुण्डन में, | क्यों न उत्पात होहिं बैरिन के झुण्डन में, | ||
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करे घन उमरि अंगारे बरखत हैं . | करे घन उमरि अंगारे बरखत हैं . |
19:06, 5 अगस्त 2013 के समय का अवतरण
ता दिन अखिल खलभलै खल खलक में,
जा दिन सिवाजी गाजी नेक करखत हैं.
सुनत नगारन अगार तजि अरिन की,
दागरन भाजत न बार परखत हैं.
छूटे बार बार छूटे बारन ते लाल ,
देखि भूषण सुकवि बरनत हरखत हैं .
क्यों न उत्पात होहिं बैरिन के झुण्डन में,
करे घन उमरि अंगारे बरखत हैं .