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"तेरी बेरुख़ी ने मुझको ये हसीन ग़म दिया है / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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ये बता कि कह रहा क्या तेरे ख़त का हाशिया है
 
ये बता कि कह रहा क्या तेरे ख़त का हाशिया है
  
वो नज़र से जानेवाला, मेरे दिल में आके बोला,
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वो नज़र से जानेवाला मेरे दिल में आके बोला,
'सभी कुछ वही है हमने, ज़रा घर बदल लिया है'
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तेरे नाम की है ख़ूबी कि गुलाब! हर सुबह को
 
तेरे नाम की है ख़ूबी कि गुलाब! हर सुबह को
किसी बेरहम ने दिल में, तुझे याद तो किया है  
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02:06, 10 जुलाई 2011 का अवतरण


तेरी बेरुख़ी ने मुझको ये हसीन ग़म दिया है
मेरा दिल जलानेवाले! तेरा लाख शुक्रिया है

मेरी एक ज़िन्दगी को नहीं कम है यह भरम भी
कि कभी नज़र से तूने मुझे अपना कह दिया है

जो लिखा है सच ही होगा, तुझे ग़म नहीं है कोई
ये बता कि कह रहा क्या तेरे ख़त का हाशिया है

वो नज़र से जानेवाला मेरे दिल में आके बोला,
'सभी कुछ वही है, हमने ज़रा घर बदल लिया है'

तेरे नाम की है ख़ूबी कि गुलाब! हर सुबह को
किसी बेरहम ने दिल में तुझे याद तो किया है