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"तेरे दर को छोड़ के किस दर जाऊं मैं / भजन" के अवतरणों में अंतर

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तेरे दर को छोड़ के किस दर जाऊं मैं ।<br><br>
 
तेरे दर को छोड़ के किस दर जाऊं मैं ।<br><br>
  

20:09, 17 अप्रैल 2009 के समय का अवतरण

तेरे दर को छोड़ के किस दर जाऊं मैं ।

देख लिया जग सारा मैने तेरे जैसा मीत नहीं ।
तेरे जैसा प्रबल सहारा तेरे जैसी प्रीत नहीं ।
किन शब्दों में आपकी महिमा गाऊं मैं ॥

अपने पथ पर आप चलूं मैं मुझमे इतना ज्ञान नहीं ।
हूँ मति मंद नयन का अंधा भला बुरा पहचान नहीं ।
हाथ पकड़ कर ले चलो ठोकर खाऊं मैं ॥