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"तेरे हीं भुजान पर भूतल को भार / भूषण" के अवतरणों में अंतर

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तेरे हीं भुजान पर भूतल को भार ,
 
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कहिबे को सेसनाग दिननाग हिमाचल है .
 
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तरो अवतार जम पोसन करन हार,
 
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कछु करतार को न तो मधि अम्ल है .
 
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सहित में सरजा समत्थ सिवराज कवि,
 
सहित में सरजा समत्थ सिवराज कवि,
 
 
भूषण कहत जीवो तेरोई सफल है .
 
भूषण कहत जीवो तेरोई सफल है .
 
  
 
तेरो करबाल करै म्लेच्छन को काल बिनु ,
 
तेरो करबाल करै म्लेच्छन को काल बिनु ,
 
 
काज होत काल बदनाम धरातल है.
 
काज होत काल बदनाम धरातल है.

19:05, 5 अगस्त 2013 का अवतरण

तेरे हीं भुजान पर भूतल को भार ,
कहिबे को सेसनाग दिननाग हिमाचल है .

तरो अवतार जम पोसन करन हार,
कछु करतार को न तो मधि अम्ल है .

सहित में सरजा समत्थ सिवराज कवि,
भूषण कहत जीवो तेरोई सफल है .

तेरो करबाल करै म्लेच्छन को काल बिनु ,
काज होत काल बदनाम धरातल है.