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थार-1 / मीठेश निर्मोही

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पल में पसरै
छिण में तण जावै
रमतोड़ौ
उणियारा बदळै
थूं ।
लागै
मिनखां सूं
धरमेलौ
कर लीन्हौ
थूं।