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थेड़ री कूंख सूं / ओम पुरोहित कागद

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धपटवां हुई फसल
उबरिया हा
कीं पईसा
धर गुल्लक में
बूर ही दिया हा
धरती में
इणी सूं
करना हा
हाथ पीळा
बीं साल
बाई रा
बै ई तो निकळया है
काळीबंगा री खुदाई में
थेड़ री कूख सूं
बाई कद परणाई!