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दादी बोली मुन्ने से / रवीन्द्र दास

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दादी बोली मुन्ने से
चंदा मामा आएगा
दूध मलाई लाएगा
तुमको खूब खिलायेगा
मुन्ना अचरज से बोला
चंदा मेरा मामा है!
तो फिर मम्मी का भाई
पर मम्मी तो कहती है
उसका कोई भाई नहीं
तुम मुझको बहलाती हो
झूठी बात सिखाती हो
पापा को बतलाऊंगा
साथ कभी न आऊंगा
चंदा दूर चमकता है
वह कैसे घर आ सकता !
दादी थी अब सकते में
अकल ठिकाने रही नहीं
मुन्ने को बहलाने में
ख़ुद ही फँस गई घेरे में
बूढ़ी बगले झांक रही
अपना मुंह ख़ुद ताक रही ।
दादी अपना ढब बदलो
बच्चा बड़ा सयाना है
छोटू सबका नाना है।