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"दिल में अंगार जले / 'सज्जन' धर्मेन्द्र" के अवतरणों में अंतर

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मन होता है अधीर
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पोर-पोर बढ़े पीर
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सन-सन पछियाँव बहे
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विरही मन आज दहे
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ज्यों सूरज गले मिले
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अमवा झुक झूम-झूम
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महुआ मुख रहा चूम
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भीग रहे उभय गात
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पुलकित हैं पात-पात
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झर-झर-झर प्रेम झरे
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चरर-मरर जिया करे
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देख-देख बाँस जले
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जवाँ हुये नदी नार
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मिट्टी से मची रार
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कट-कट गिरता कगार
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बंधन सब गये हार
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धारा से मिली धार
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दरिया ने किया प्यार
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जात-पाँत हाथ मले
 
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20:46, 21 जनवरी 2019 के समय का अवतरण

मेघ बजे
हवा चले
दिल में अंगार जले

धनुष-गगन
बूँद-तीर
मन्मथ तन रहा चीर
मन होता है अधीर
पोर-पोर बढ़े पीर
सन-सन पछियाँव बहे
विरही मन आज दहे

ज्यों सूरज गले मिले

अमवा झुक झूम-झूम
महुआ मुख रहा चूम
भीग रहे उभय गात
पुलकित हैं पात-पात
झर-झर-झर प्रेम झरे
चरर-मरर जिया करे

देख-देख बाँस जले

जवाँ हुये नदी नार
मिट्टी से मची रार
कट-कट गिरता कगार
बंधन सब गये हार
धारा से मिली धार
दरिया ने किया प्यार

जात-पाँत हाथ मले