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|रचनाकार=गुलाब खंडेलवाल
ये इशारे क़दम-क़दम क्या हैं!
क्या करें, दिल किसी पे किसीपे जो आ जाय!
जानते हम भी, ये भरम क्या हैं
उनके वादों पे जिए जाते हैं
ये भी अहसान एहसान उनके कम क्या हैं!
उनके रंगों में मिल गये हैं गुलाब
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