भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"धोबिया धोवे धोबी-घाट आली / रसूल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रसूल |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}} Category:भोजपुरी भाषा <poem> '''रसू…)
 
पंक्ति 18: पंक्ति 18:
  
 
धोबिया धोवे धोबी-घाट आली ।  
 
धोबिया धोवे धोबी-घाट आली ।  
 +
 +
'''यह गीत 'धोबिया-धोबिनिया' नाटक से है'''
 
</poem>
 
</poem>
 
{{KKMeaning}}
 
{{KKMeaning}}

18:04, 1 फ़रवरी 2011 का अवतरण

रसूल का यह गीत अधूरा है, आपके पास हो तो इसे पूरा कर दें

धोबिया धोवे धोबी-घाट आली
सत् के साबुन, प्रेम के पानी,
नेह के मटकी में संउनन<ref>पानी, साबुन और कपड़े को मिलाकर मसलना</ref> डाली ।

पाप,पुण्य के धोवे धोबिया,
सत् के घाट पर धोवे धोबिया,
सूखे धरम के डाली ।

धोबिया धोवे धोबी-घाट आली ।

यह गीत 'धोबिया-धोबिनिया' नाटक से है

शब्दार्थ
<references/>