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"नए कवि का दुख / केदारनाथ सिंह" के अवतरणों में अंतर

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दुख  हूँ मैं एक  नये हिन्दी कवि का<br>
 
बाँधो<br>
 
मुझे बाँधो<br>
 
पर कहाँ बाँधोगे<br>
 
किस लय, किस छन्द में?<br><br>
 
  
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दुख हूँ मैं एक नए हिन्दी कवि का
ये बौने दरवाजे<br>
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बाँधो
ताले ये इतने पुराने<br>
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मुझे बाँधो
और साँकल इतनी जर्जर<br>
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पर कहाँ बाँधोगे
आसमान इतना जरा सा<br>
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किस लय, किस छन्द में ?
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पर कहाँ बाँधोगे<br>
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किस लय , किस छन्द में?<br><br>
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क्या जीवन इसी तरह बीतेगा<br>
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ये छोटे छोटे घर
शब्दों से शब्दों तक<br>
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ये बौने दरवाज़े
जीने <br>
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ताले ये इतने पुराने
और जीने और जीने ‌‌और जीने के<br>
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और साँकल इतनी जर्जर
लगातार द्वन्द में?<br><br>
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आसमान इतना ज़रा-सा
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और हवा इतनी कम-कम
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नफरत यह इतनी गुमसुम सी
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और प्यार यह इतना अकेला
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और गोल-मोल
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बाँधो
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मुझे बाँधो
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पर कहाँ बाँधोगे
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किस लय, किस छन्द में ?
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क्या जीवन इसी तरह बीतेगा
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शब्दों से शब्दों तक
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और जीने और जीने ‌‌और जीने के
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लगातार द्वन्द में ?
  
 
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20:44, 19 जून 2020 के समय का अवतरण



दुख हूँ मैं एक नए हिन्दी कवि का
बाँधो
मुझे बाँधो
पर कहाँ बाँधोगे
किस लय, किस छन्द में ?

ये छोटे छोटे घर
ये बौने दरवाज़े
ताले ये इतने पुराने
और साँकल इतनी जर्जर
आसमान इतना ज़रा-सा
और हवा इतनी कम-कम
नफरत यह इतनी गुमसुम सी
और प्यार यह इतना अकेला
और गोल-मोल

बाँधो
मुझे बाँधो
पर कहाँ बाँधोगे
किस लय, किस छन्द में ?

क्या जीवन इसी तरह बीतेगा
शब्दों से शब्दों तक
जीने
और जीने और जीने ‌‌और जीने के
लगातार द्वन्द में ?

1965